दो दिवसीय जन्मोत्सव समारोह पर आयोजित मानस सम्मेलन में मानस वक्ताओं ने मानस के माध्यम से श्रोताओं को कथा श्रवण कराईं। प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए अखिलेश्वरी देवी, राकेश पाठक बीना, अवधेश मिश्रा टिकरिया ने दक्ष प्रजापति के अभिमान तथा मां सती का अग्नि में भस्म होना भगवान शंकर को नहीं भाया तो उन्होंने वीरभद्र को पैदा कर आदेश दिया कि राजा दक्ष का सिर काट कर आओ। वीरभद्र ने भरी सभा में दक्ष का सिर काट कर मां सती व भगवान शंकर के अपमान का बदला लिया। इस मानस सम्मेलन के पूर्व दो दिन 108 सुंदर कांड पाठ तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर संस्था के प्रबंधक संतप्रिय पालीवाल, चंद्रमौलि पालीवाल, अरविंद यादव, बलराम सिंह, गोविंद सिंह परिहार, द्वारिका प्रसाद गुप्ता, शिक्षक नेता गिरेंद्र सिंह, प्रधानाचार्य ज्ञानचंद कैथवास, आषीश खरे, केके शर्मा, रामकिशोर, श्याम किशोर शर्मा, खुदाबख्श खान, हरिदास यादव, प्रधान कपिलदेव राजपूत, गगन तिवारी, आरबी शर्मा, यशवंत सिंह पटेल, अमित रिछारिया, अखिलेश पटेल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कपिल शर्मा ने की, संचालन इंद्रपाल सिंह गुर्जर ने किया। प्रबंधक ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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