कोंच जालौन- नगर की गलियों के अंदरूनी मकान बाहरी इलाकों में जुआरियों और सट्टेबाजों का खुल्लम खुल्ला खेल चल रहा है। वहीं पुलिस धृतराष्ट की तरह आंख पर पट्टी बांधे तमाशबीन बनी हुई है। जानकारी के अनुसार नगर के आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर प्रतिदिन देर रात तक जुए की महफिल सजती हैं जहां दर्जनों जुआरी पहुंच कर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
वहीं पुलिस कभी कभार दो-चार छोटे एजेंटों को पकड़कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती है। जबकि हकीक़त यह है कि जुआरी व सटोरियों के कारनामों को जानने के बाद भी स्थानीय पुलिस चुप्पी साधे बैठी हैं। यही वजह हैं कि नगर की गलियों में मकानों के अंदर एवं बाहरी इलाकों में खेत किराए पर लेकर जुए के फड़ सज रहे हैं। वहीं हालात देखकर लगता है कि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं पुलिस की मिलीभगत है क्योंकि जिस तरह लोग खुलेआम जुआं व सट्टा लगा रहे हैं, माना जा रहा है कि नगर में रोज लगभग लाखों रुपए का जुआ खेला जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि नगर में धड़ल्ले से चल रहे इस काले कारोबार में इलाके के सफेदपोश सत्ता पक्ष नेताओं का खुला संरक्षण प्राप्त है। सूत्रों की मानें तो नगर में ही प्रतिदिन लाखों का कारोबार होता है जबकि अन्य क्षेत्रों से भी अवैध कमाई इस कारोबार से की जा रही है।
जानकारों की मानें तो जुए के व्यापार के लालच में फंसकर कई लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं। बाद में इसमें फंसकर अपना सबकुछ गवां बैठते हैं। उसके बावजूद पुलिस इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं करती है, कार्यवाही ना होने की वजह से इस गोरखधंधे में पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है।
पुलिस को छोड़ कर सबको पता है कहां खेला जा रहा जुआ-सट्टा
कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आज कल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खुलेआम संचालित हो रहा है। सट्टे के इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं। सट्टेबाजों के इस अवैध कारोबार के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं जिसकी जानकारी शायद पुलिस को छोड़कर सभी को है।
अब देखना यह है कि इस काले कारोबार पर अंकुश लग पाता है। या नहीं?
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