उरई जालौन- छात्रों के विद्यालय तक जाने का रास्ता पक्का नहीं है। उन्हें दलदल से होकर जाना पड़ रहा है। छात्रों और शिक्षकों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।कई बार प्रधान और अधिकारियों की शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
जहाँ एक ओर सरकारें दावे भरतीं है कि कोई गाँव ऐसा नहीं होगा जहाँ अच्छी सड़के न हों। मगर कई गाँव आज भी सड़कें बिहीन जैसे ही हैं।
जी हां हम बात कर रहे हैं। एट नगर पंचायत की उनमें से एक गाँव मवई एट हाइवे से महज पाँच किलोमीटर है जहाँ सड़कें बचीं ही नही, बचीं हैं तो सिर्फ गड्ढा, कीचड़ भरीं गलियां। जिनसे लोग जब निकलते हैं तो एक हाँथ ने अपनी नाक और एक हाँथ से पेन्ट पकड़ते हैं। प्राईमरी स्कूल के बच्चों की उम्रें कुछ खास नहीं होतीं हैं पर स्कूल जाते समय पीठ पर किताबों से भरा बैग उस पर भी एक हाँथ से पेन्ट पकड़कर कैसे निकला जा सकता है। आप स्वयँ अनुमान लगा सकते हैं। कुछ अभिभाबकों तो अपने बच्चों को पीठ पर लाद कर स्कूल तक पहुंचना पड़ता है। अतः समस्त ग्रामीणों की जिलाधिकारी से पुरजोर माँग है कि उपरोक्त विवरण को संज्ञान में लेते हुए समुचित ब्यवस्था की जाय। ग्रामीण प्रदीप पाल, भगवती शरण पांचालज़ अरविन्द प्रजापति, सत्यम पांचाल, ठाकुर वीर सिंह, शैलेंद्र श्रीवास्तव, ठाकुर राघवेंद्र सिंह कोटेदार भगवतीचरण पांचाल ने कहा कि अगर सड़क नही बनाई जाती तो जिलाधिकारी के यहां धरना प्रदर्शन करेंगे।
इनसेट:
वहीं ग्राम प्रधान श्रीधर पांचाल धमसेनी का कहना की ढेड़ माह से सचिव की तैनाती नही है जिससे कोई कार्य नही करा पा रहा हूं जैसे ही सचिव (ग्राम पंचायत अधिकारी) की तैनाती होती है तो मुख्य मार्ग सीसी रोड करा देंगे।
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